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मानव सिंह राणा 'सुओम'

Abstract

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मानव सिंह राणा 'सुओम'

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रुपया दस

रुपया दस

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बड़ा कमाल है

 रुपया दस 

खाना हो पड़ाका

 रुपया दस 


बच्चो को देना हो

रुपया दस 

भिखारी भी चाहते अब

रुपया दस 


झूला झूलना बस 

रुपया दस

जाना हो शौचालय

रुपया दस


खानी कचौड़ी

रुपया दस

मन मन में गया है बस

रुपया दस।


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