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Sarita Tripathi

Classics Fantasy

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Sarita Tripathi

Classics Fantasy

होली

होली

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होली के दिन निकली टोली

नाचे गाये करे ठिठोली

कोई मुस्काये करे बरजोरी

यारा अपनी होली हो ली


दूर खड़ी सब सखी सहेली

अखियों से मारे ली गोली

नज़र मिली जा नज़र से तोरी

शरमाये करे आँख मिचौली


लाल पीला औ हरा गुलाल

रहा नहीं अब कोई मलाल

सतरंगी रंगो से रंग कर

लगती गोरी खूब कमाल


खुशबू फैला आया उबाल

हाल हुआ है अब बेहाल 

बना-बना के घर पकवान

कमर पकड़ चले टेढ़ी चाल।


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