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Sujata Kale

Abstract

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Sujata Kale

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गुलमोहर

गुलमोहर

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लाल साफा बाँधा है,

या पूर्व दिशा ही पहनी है!

सूरज की अटारी


पर रहते हो,

या सूरज ही

तुम पर बसता है।


डाल डाल की लालिमा

पात पात को

छुपाती है।


गुलमोहर तू यह तो

बता सिन्दूरी बन

क्यों बसते हो।


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