नायाब पत्थर ©सुजाता
नायाब पत्थर ©सुजाता
पत्थरों को हमने
नायाब होते देखा हैं
रंगीन, कीमती और
चमकदार बनते देखा है।
आकार इनके
अलग थलग हैं
बेशकीमती बनकर
गले में ताइत बनते देखा है।
ये बस चमकीले हैं
इनमें जान नहीं है
पर कितनों को इन पर
जान न्योछावर करते देखा है।