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Hemant Kumar Saxena

Classics Inspirational

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Hemant Kumar Saxena

Classics Inspirational

बहादुर बेटी हिमप्रिया

बहादुर बेटी हिमप्रिया

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हुआ क्या आगे दोस्तों,

हेमन्त सक्सेना बताता है,

बहादुर बेटी हिमप्रिया की,

कहानी आज सुनाता है,


दुश्मन ने घर में घुसने को,

दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया,

हिमप्रिया ने मां के साथ मिल,

दरवाजे को थाम लिया,


जब नाकाम हो गया आतंकी,

दरवाजे को तोड़ने में,

उड़ा दिया ग्रेनेड से दरवाजा,

दूश्मन ने थोड़ी ही देर में,


उड़ा दरवाजा ग्रेनेड से जब,

मां पद्मावती घायल हो गयीं,

अपनी चिंता छोड़ कर बेटी,

मां को होश में लाने लगीं,


तब तक घुस गया घर में दुश्मन,

परिवार को बंधक बना लिया,

घबराई नहीं बेटी फिर भी,

बातों में आतंकी उलक्षा लिया,


बातों से परेशान आतंकी ने,

जान से मारने का दावा किया,

नहीं घबराई बेटी फिर भी,

उसे बातों में ऐसा फंसा लिया,


तब तक सेना ने आतंकी को,

पूरी तरह से घेर लिया,

नहीं झुकने देंगे शीश हिमालय का,

सेना ने यह संकल्प लिया,


खुद को घिरता देख आतंकी,

बेटी को छोड़ जब भागा था,

आगे से आकर सेना ने,

उसे मौत के घाट उतारा था,


यह बेटी कोई और नहीं,

यह बेटी भारत वासी है,

भारत ने भी यह बेटी,

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजी है,



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લોગિન

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