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Hemant Kumar Saxena

Romance

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Hemant Kumar Saxena

Romance

अंज़ाम ए मुहब्बत

अंज़ाम ए मुहब्बत

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प्रेमिका-

सुनो आज आओगे ये जान लो,

मिलकर मुस्कुराओगे ये जान लो,

बातें खूब करेंगे मिलकर के हम,

थोड़ा छुपकर के घर के ही कमरे में हम,

जल्दी आना है वादा निभाना जरूर,

फिजाओं पे अपनी ना करना गुरूर,

प्यार से कहती हूं मैं ये मान लो,

कोई घर में नहीं है तुम ये जान लो,

सुनो आज आओगे ये जान लो,

मिलकर मुस्कुराओगे ये जान लो,


प्रेमी-

मैं आऊं भी कैसे यूं डरता हूं मैं,

बेपनाह मुहब्बत भी करता हूं मैं,

एक दिन बड़ा धोखा है मान लिया,

बाप ने तेरे मुझको यूं पहचान लिया,

वो ना भूलेंगे भूलकर के चेहरा मेरा,

तुझे कैसे कहूं क्यूं पिघलता हूं मैं,

तेरी दहरी वाली राह से निकलता हूं मैं,

तेरी दहरी वाली राह से निकलता हूं मैं,

मैं आऊं भी कैसे यूं डरता हूं मैं,

बेपनाह मुहब्बत भी करता हूं मैं।



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