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Hemant Kumar Saxena

Abstract

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Hemant Kumar Saxena

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हां मुझे प्यार हुआ है

हां मुझे प्यार हुआ है

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मुझसे पूछते हैं लोग

कभी प्यार हुआ है


हां मुझे प्यार हुआ है

मेरे देश मेरे खलियानों से

देश रक्षक प्राणों से

सभ्यता की प्रतीक


महान पुराणों से

होली में रंग गुलालों से

हां मुझे प्यार हुआ है

हां मुझे प्यार हुआ है


कोयल की मीठी तानों से

अडिग में छिपे आसमानों से

सावन की झंकारों से

सुहानी सुर्ख बहारों से


आजादी के जश्न के साथ

राखी के त्योहारों से

हां मुझे प्यार हुआ है

हां मुझे प्यार हुआ है।


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