STORYMIRROR

Shravani Balasaheb Sul

Inspirational

4  

Shravani Balasaheb Sul

Inspirational

हिसाब

हिसाब

1 min
397

इतना हिसाब क्या करना

कि गिनतिया सारी बीत जाए

और अंक मिलाने घटाने में

शुन्य भी जिंदगी से जीत जाए


उंगलियों पे तारे गिनना ठीक हैं

पर कागज क्यू भर देना, पत्थर की शिकायत लिख के

चलो थोड़ा मन हलका भी कर लो

पर क्यूं न आगे भी बढ़ चले, आपबीती से सिख के

लम्हों को क्या तोलना


कि कब यह दिन जागे कब रैन सोए

न कोई तराजू नाप सका इनको

तो क्यू बचकानी जिद पे, लाख खुशियां खोए।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational