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Shravani Balasaheb Sul

Inspirational

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Shravani Balasaheb Sul

Inspirational

हिसाब

हिसाब

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इतना हिसाब क्या करना

कि गिनतिया सारी बीत जाए

और अंक मिलाने घटाने में

शुन्य भी जिंदगी से जीत जाए


उंगलियों पे तारे गिनना ठीक हैं

पर कागज क्यू भर देना, पत्थर की शिकायत लिख के

चलो थोड़ा मन हलका भी कर लो

पर क्यूं न आगे भी बढ़ चले, आपबीती से सिख के

लम्हों को क्या तोलना


कि कब यह दिन जागे कब रैन सोए

न कोई तराजू नाप सका इनको

तो क्यू बचकानी जिद पे, लाख खुशियां खोए।


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