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इस आज़ादी पर, उस दूर विराट अम्बर के पार; मैं खोजता एक नया आयाम..... इस आज़ादी पर, उस दूर विराट अम्बर के पार; मैं खोजता एक नया आयाम.....
आज फिर एक कोने में बैठकर मेरी राखी रो रही है... आज फिर एक कोने में बैठकर मेरी राखी रो रही है...
पानी बरसे कमतर, ज्यादा लहू बरसता आया हैं। पानी बरसे कमतर, ज्यादा लहू बरसता आया हैं।
जब भी मैं देखता हूँ एक फौज़ी को मुझे पूरा हिंदुस्तान नज़र आता है जब भी मैं देखता हूँ एक फौज़ी को मुझे पूरा हिंदुस्तान नज़र आता है