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चेतना प्रकाश चितेरी , प्रयागराज

Inspirational

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चेतना प्रकाश चितेरी , प्रयागराज

Inspirational

शून्य

शून्य

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मैं अपने जीवन से

जब कभी हताश होती हूंँ ,


देख शून्य की ओर 

अपनी व्यथा सुनाती हूंँ।


मौन होकर वह मुझे सुनता, 

मेरे मन का बोझ हल्का होता,


चेतना प्रकाश से कहती -

उसकी चुप्पी ही मेरी प्रेरणा बनती,


फिर मैं अपनी आंतरिक शक्तियों को

एकत्रित करती हुई,


अपनी उदासी को दूर करते हुए

जीवन में एक कदम आगे बढ़ती हूँ।


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