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चेतना प्रकाश चितेरी , प्रयागराज

Abstract Children

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चेतना प्रकाश चितेरी , प्रयागराज

Abstract Children

माँ

माँ

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माँ

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बताओ पापा ! 

माँ कैसी होती है ? 


जितना मैंने जाना 

माँ भगवान की प्रतिरूप होती है । 


बताओ दीदी! 

माँ कैसी होती है ? 

जितना मैंने पहचाना

माँ ममता की मूरत होती है। 


बताओ भैया! माँ कैसी होती है? 

जितना मैंने समझा , 

हर माँ सुंदर है , 

जिसके हृदय में स्नेह अपार होती है। 


 मेरे पापा ! मेरी दीदी ! मेरे भैया! 

मैंने महसूस किया , 

 माँ तारा बनकर भी हम सबके पास रहती है। 


माँ की सूरत कभी नहीं देखी, 

लेकिन मैं जान गया, 

माँ किसी से भेदभाव नहीं करती , 

माँ सबसे अच्छी होती है।



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