मझधारों की रहे जिंदगी ख्वाहिश हो जिसकी अपार, मझधारों की रहे जिंदगी ख्वाहिश हो जिसकी अपार,
लपटों को सौंप दिया। थी वीरांगना वह स्वाभिमानी लक्ष्मी बाई झांसी की रानी। लपटों को सौंप दिया। थी वीरांगना वह स्वाभिमानी लक्ष्मी बाई झांसी की रानी।