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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Tragedy Inspirational

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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Tragedy Inspirational

अभी हम हारे नहीं हैं

अभी हम हारे नहीं हैं

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लो रात हो रही है

जिंदगी का संघर्ष

अभी थमा नहीं

समस्याओं से भिड़े

आमने सामने खड़े

जब तक साँस है बाकी

आसमां से लुप्त तारे नहीं हैं

मुझे भाष है अभी हम हारे नहीं हैं I

उठता हूँ लड़ता हूँ

समंदर के लहरों सा

अंतर्द्वंद्व मैं सोचता हूं

जीवन के अंतिम छोर तक

मानो लहरें बढ़ रही सिमट रहीं

कभी निर्झर कभी समंदर

कभी ताल तिलैया सा

अभी नीर है बाकी सूखे सारे नहीं है

मुझे भाष है अभी हम हारे नहीं हैं I



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