" युद्ध "
" युद्ध "
इतिहास गवाह है,
युद्ध से हमारा गहरा रिश्ता है,
युद्ध दुनिया देश , समाज , में
बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
हमारे देश को बहुत ही युद्ध का
सामना करना पड़ा है,
मुगलों और अंग्रेजों से युद्ध,
पानीपत का युद्ध , हल्दी घाटी का युद्ध।
दो विश्व युद्ध पाकिस्तान से युद्ध ,
चाइना से युद्ध ,
कहीं न कहीं युद्ध के समाचार मिलते रहते हैं।
ज्यादातर युद्ध हिंसक होते हैं,
जिसमें बहुत जन- जीवन का नुकसान होता है।
गाॅंधी जी ने अहिंसक युद्ध किया
जिससे हमें आजादी मिली।
पर इसके बाद भी युद्ध का
सिलसिला चलता रहा ।
कारगिल युद्ध की चर्चा करना आवश्यक है,
रूस - यूक्रेन युद्ध अपने चरम पर है,
इजराइल - फिलिस्तीनी युद्ध
भी मायने रखता है।
हमारे ग्रन्थ रामायण और महाभारत
युद्ध से भरे पड़े हैं,
रामायण असत्य पर सत्य की विजय है,
जिसमें सीता की रक्षा के लिए
रावण का वध किया गया।
महाभारत हक का युद्ध है , जिसमें
शाम, दाम , दण्ड , भेद सभी का
उपयोग कर पांडव को उनका हक
दिलवाया गया।
युद्ध ही युद्ध ,
जहाॅं देखो , वहीं युद्ध,
युद्ध मानवता के लिए
सबसे बड़ा खतरा है।
युद्ध कभी भी शांति के लिए
नहीं हो सकता,
युद्ध के बाद समझौते हो जाते ,
परस्पर संबंध स्थापित हो जाते हैं।
परन्तु एक चीज कभी
वापस नहीं आ सकती ,
वह है बेकसूरों का जीवन
जिसकी साॅंसे यूॅं ही थम जाती हैं।
युद्ध अभिशाप है, वरदान नहीं।
" जब देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो,
तब तैयार हो जाता है तीर - कमान ।"
जिसके हृदय में देशभक्ति बहती हो,
वही सरहद पर वीरता दिखाता है।
वीरता का परिचय युद्ध में होता है,
सेनाओं के जज्बे को समझो।
" महाभारत " युद्ध में कृष्ण भगवान
यह दिखाना चाहते थे
पाप की हार होती है और
सत्य की जीत।
