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Sangeeta Ashok Kothari

Inspirational

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Sangeeta Ashok Kothari

Inspirational

विषय =उठ भोर भई जागो मेरे लाल

विषय =उठ भोर भई जागो मेरे लाल

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उठ भोर भई जागो मेरे लाल गोपाल,

आज बस निकल गयी तो दूँगी चमाट,

तेरी चादर से रौशनी झाँकती पूरी रात,

पहले मैं डरती थी जाने क्या हुई बात!

पता चला मोबाइल पर खेल रहे ज़नाब।


अब सीधे उठ जा वरना उठेगा मेरा हाथ,

उठ बेटा! उठ बेटा, कह के थक गयी ज़ुबान

पापा, तेरा डब्बा बनाना और भी है काम,

बस तुझे उठाने में ही कर दूँ समय बर्बाद!


बेटा, भोर में जल्दी उठते सिद्ध होते काम,

तन में स्फूर्ति रहे मगज़ चले बिन व्यवधान

भोर में पढ़ने से शिक्षा में भी लगता ध्यान,

अभी जो सीखेगा जीवन भर आएगा काम,

मुझे देख पढ़ाई नहीं की तो नहीं मिलता मान,

कहावत भी हैं, पढ़ें लिखों की आँखें होती चार।



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