जिंदगी ने नहीं छोड़ा तुझे सिखाना सीखने को बहुत कुछ अभी बाकी है, जिंदगी ने नहीं छोड़ा तुझे सिखाना सीखने को बहुत कुछ अभी बाकी है,
थकहार कर जब मैं, गम से बोझिल हुआ मौत को पुकारा, पर उसने भी ना छुआ, थकहार कर जब मैं, गम से बोझिल हुआ मौत को पुकारा, पर उसने भी ना छुआ,
अपने काम को भूल हमारे काम में लग जाती है। मां ही है जो सूरज उगने से पहले उठ जाती है। अपने काम को भूल हमारे काम में लग जाती है। मां ही है जो सूरज उगने से पहले उठ ...
जब विपति पड़ी अपने सिर पर फिर शीश पकड़ि क्यों रोवत है। जब विपति पड़ी अपने सिर पर फिर शीश पकड़ि क्यों रोवत है।
किसी मंज़िल की तरफ़ कोई क़दम उठ न सका अपने ही पाँव की ज़ंजीर थे जाने वाले किसी मंज़िल की तरफ़ कोई क़दम उठ न सका अपने ही पाँव की ज़ंजीर थे जाने वाले