अपने आप से मुलाकात
अपने आप से मुलाकात
सुबह सूरज उगने से पहले उठ जाती है।
वो मां ही होती है जो हमें सुबह कि चाय पिलाती हैं,
बच्चों को देख उसका चेहरा खिल जाता है।
अपने काम को भूल हमारे काम में लग जाती है।
मां ही है जो सूरज उगने से पहले उठ जाती है।
हमारे काम में लग कर अपने आप से
मुलाकात करना भूल जाती है
वो मां ही है जो सूरज उगने से पहले उठ जाती है।
जो हमें दूसरों से मुलाकात करने लायक बनाती है।
वह अपने आप से मुलाकात करना भूल जाती है।