कहाँ हो कविता आखिर हो कहाँ मुझे तो लगता है तुम हर जगह हो हर किसी का सपना हो या हो क... कहाँ हो कविता आखिर हो कहाँ मुझे तो लगता है तुम हर जगह हो हर किसी क...
डूबी नाव का मलबा मल्लाह की मसीहाई करती है। डूबने से पहले तक डूबने के बाद भी। डूबी नाव का मलबा मल्लाह की मसीहाई करती है। डूबने से पहले तक डूबने के बाद भी...
बरसात की बूंदों से भरा भूखंड को समझ अपनी नियति, बहती है किस्मत को बना संगिनी अपनी, बरसात की बूंदों से भरा भूखंड को समझ अपनी नियति, बहती है किस्मत को बना संगिनी ...
रंग बिरंगे फूल हैं हम, महक-महक में दम है, भिन्न-भिन्न वो रास्ते हैं रंग बिरंगे फूल हैं हम, महक-महक में दम है, भिन्न-भिन्न वो रास्ते हैं