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Deepak Murmu

Abstract Others

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Deepak Murmu

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हम सब एक हैं !

हम सब एक हैं !

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हम हैं सुंदर-सुंदर कली,

खिलें हैं इस बाग में,

रखवाला है वो खुदा कहलाता है सबका माली

दिखने में हैं रंग बिरंगे,

खिले हैं इस बाग में,

रखवाला है वो खुद कहलाता है सबका माली।

हम हैं झर-झर बहता झरना,

आते हैं हिमालय से

गंगोत्री है वो मुहाना,

जहां से निकलती है गंगा, यमुना, और सरस्वती

हम सबका है एक ही आलाय,

भाई-भाई है ये हमारा दोस्ताना।


रंग बिरंगे फूल हैं हम,

महक-महक में दम है,

भिन्न-भिन्न वो रास्ते हैं

चलना हमारा काम है,

बड़े हों या छोटे हों,

हम सबका एक ही नाम है।

साथ खिलेंगे साथ रहेंगे,

साथ चलेंगे सुबह और शाम,

गिरे हुए को उठायेंगे

गिरते हुए को संभालेंगे।

हम सब हैं एक मुसाफिर,

नैया हमारी छोटी है

समुंदर के लहरों में,

नैया हमारी डूबती है,

ऊपरवाला है वो मल्लाह

नैया हमारा पार करेगा।

हम हैं झर-झर बहता झरना,

आते हैं हिमालय से

गंगोत्री है वो मुहाना,

जहां से निकलती है गंगा, यमुना, और सरस्वती

हम सबका है एक ही आलाय,

भाई-भाई है ये हमारा दोस्ताना।


रंग बिरंगे फूल हैं हम,

महक-महक में दम है,

भिन्न-भिन्न वो रास्ते हैं

चलना हमारा काम है,

बड़े हों या छोटे हों,

हम सबका एक ही नाम है।

साथ खिलेंगे साथ रहेंगे,

साथ चलेंगे सुबह और शाम,

गिरे हुए को उठायेंगे

गिरते हुए को संभालेंगे।

हम सब हैं एक मुसाफिर,

नैया हमारी छोटी है

समुंदर क लहरों में,

नैया हमारी डूबती है,

ऊपरवाला है वो मल्लाह

नैया हमारा पर करेगा।

हम हैं सुंदर-सुंदर कली,

खिलें हैं इस बाग में,

रखवाला है वो खुदा कहलाता है सबका माली

दिखने में हैं रंग बिरंगे,

खिले हैं इस बाग में,

रखवाला है वो खुद कहलाता है सबका माली।


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