हुनर
हुनर
कुछ अदा कुछ हुनर यही रंगमंच है,
ज़िन्दगी के रंग हज़ार ज़िंदगी एक रंगमंच है,
जहां पहना है हर किसी ने एक किरदार का चोला,
कोई बन बैठा इस भीड़ में मस्तमौला,
अपनी नई पहचान बनाने कोई आया इस माया नगरी में,
सब कुछ गंवा कर कुछ पाने आया कोई इस महानगरी में,
कुछ अदा कुछ हुनर यही रंगमंच है,
ज़िन्दगी के रंग हज़ार ज़िंदगी एक रंगमंच है,
काग़ज़ पर उतरी एक नए नाटक की कहानी,
किसी को मिला है किरदार रंक का कोई बना महारानी,
कोई है उभरता सितारा,
कोई बिखरा है बन कर टूटता तारा,
कुछ अदा कुछ हुनर यही रंगमंच है,
ज़िन्दगी के रंग हज़ार ज़िंदगी एक रंगमंच है,
दिखावा है यहां हर मोड़ पर,
ठग मिलते है यहां हर मोड़ पर,
थिरक कर रंगमंंच पर छाले पैरो पर मिले हैं,
चकाचौंध से भरी महफ़िल में हमें महज़ अंधेरे मिले है,
कुछ अदा कुछ हुनर यही रंगमंच है,
ज़िन्दगी के रंग हज़ार ज़िंदगी एक रंगमंच है,
किसी ने बन कर अभिनेता रंगमंच पर तारीफें लूटी,
दिलों पर छाई किसी की अदाकारी जिसने दिल की धड़कन लूटी,
कोई छाया निगाहों में,
कोई गुम हो गया अंधेरों में,