STORYMIRROR

Viveksut Kamble

Drama Romance Tragedy

4  

Viveksut Kamble

Drama Romance Tragedy

सारे ख्वाब हो गए.....

सारे ख्वाब हो गए.....

1 min
186

सारे ख्वाब हो गए...

जो देखे थे सपने साथ में,

लेके तेरे हाथ हाथ में,

ज्योति हमारी नजरें आप पे,

सारे ख्वाब हो गए।


जाने क्या बात हो गई,

आपकी याद याद हो गई ,

जाने कैसे समा बदला है,

सारे ख्वाब हो गए।


जाने कैसे चलाएं नैनोके जाल,

देखते रहे थे हो गए थे बेहाल,

ओ प्यार की गुहार,

सारे ख्वाब हो गए।


तुम्हारे बिन हो जाते बेचैन,

रुक जाता सारा लेन-देन,

अंदर की खुशबू भी बिखर न गई,

सारे ख्वाब हो गए।


इंद्रधनुष के पुलों पर,

बगीचे के फूलों पर,

महक थी आपकी,

सारे ख्वाब हो गए।


घर से मंदिर तक,

सुबह से देर रात तक,

आगोश में थे आपके,

सारे ख्वाब हो गए।


जाने क्या समा था

उस पर मैं दीवाना था,

आपके साथ रातें बिताना जागते, 

सारे ख्वाब हो गए।


आपका हंसना आपका रोना,

पीठ पर चढ़कर घोड़े सा दौड़ाना,

रातों के वह आपके ख्वाब भी,

सारे ख्वाब हो गए।            


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama