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Viveksut Kamble

Romance

3  

Viveksut Kamble

Romance

हाय क्या बात थी

हाय क्या बात थी

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हाय ...क्या बात थी,

चांदनी सी रात थी,

प्यार की बात थी,

ऊपर से तेरा साथ था,

हाय ... क्या बात थी।


लंबा सा रास्ता था ,

मुझे तेरे प्यार का वास्ता था,

तेरे कदमों की चाल मेरे साथ साथी,

हाय ... क्या बात थी।


चला जा रहा था कहीं दूर,

लगाए तेरे सुर में सुर,

मेरे लिए तू ऊपर वाले की खैरात थी, 

हाय ... क्या बात थी।


आखिर मैंने तुझे पास बुलाया ,

डरी सहमी तू , तुझे दिलासा दिलाया,

आखिर तेरी मेरी प्रेम कड़ी ही जज़्बात थी

हाय ... क्या बात थी।


हम बैठे थे नदी के घाट पर ,

कंधे पर तुम सर टिका कर ,

पानी के साथ ठंडी की भी सौगात थी,

हाय .. क्या बात थी।

  


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