थकी हूँ फिर भी रोक नहीं सकती कदम अपने थकी हूँ फिर भी रोक नहीं सकती कदम अपने
अब जुदाई बर्दाश्त के बाहर है, तुझे अपना बना,घर बसा लेने की चाह जबरदस्त है, आ जाओ अब ब अब जुदाई बर्दाश्त के बाहर है, तुझे अपना बना,घर बसा लेने की चाह जबरदस्त है, ...
ये इश्क का ग़म इस प्रभु की बड़ी देन है। इस दौलत को जमाने से छिपाये रखना।। ये इश्क का ग़म इस प्रभु की बड़ी देन है। इस दौलत को जमाने से छिपाये रखना।।
उसके कदमों की आहट से मन प्रफुल्लित होने लगे उसके हाथों की छुअन से अंग अंग कंपन करने लगे ... उसके कदमों की आहट से मन प्रफुल्लित होने लगे उसके हाथों की छुअन से अंग अ...
कैसे गुजरेगी जिंदगी मां तुझसे दूर हो कर, कैसे गुजरेगी जिंदगी मां तुझसे दूर हो कर,
तुमसे है मेरी, यह काया पिताजी तुमसे है मेरी, यह काया पिताजी