पिता जी
पिता जी
मेरे पिताजी, ओ मेरे पिताजी ।
मैं हूं तुम्हारा, साया पिताजी ।।
अंकुर तुम्हारा, मैं कोपल तुम्हारी।
तुमसे है मेरी, यह काया पिताजी।।
तुतलाती मेरी बोली में तुम हो।
लड़खड़ाते कदमों में तुम हो ।।
रास्ता दिखाते सूरज में तुम हो।
तुम हो अंधेरे में दीया पिताजी।।
