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Geeta Sachdeva Kapoor

Abstract Inspirational

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Geeta Sachdeva Kapoor

Abstract Inspirational

आ जाना फिर मित्र हो जाएं

आ जाना फिर मित्र हो जाएं

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आ जा ना यार, फिर मित्र हो जाएं ।

तेरे दर्द से भीगी पलके मेरी,

और मेरी खुशी में तू झूम जाए।

आ जा ना यार फिर मित्र हो जाएं।


 चल, जो भी हो रिश्ता तेरा मेरा संसारी,

 वह, चलने दे बस छोड़ उससे जुड़ी लाचारी,

 आ जाना यार फिर बस दिल का रिश्ता बनाएं ।

आ जा ना यार फिर मित्र हो जाएं।


 एक दूजे को कर सकें मीलों भी महसूस,

 आ हम भी कृष्ण सुदामा हो जाएं ।

आ जा ना यार बस मित्र हो जाएं ।

आ जा ना यार बस मित्र हो जाएं। 



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