उम्मीद की गुलशन के खिलने की आस उम्मीद की गुलशन के खिलने की आस
वो राज निग़ाहों से बता रखा है। वो राज निग़ाहों से बता रखा है।
कुछ बातें ऐसी रह जाती हैं कुछ बातें ऐसी रह जाती हैं
खुद को महसूस करना चाहता हूँ खुद को महसूस करना चाहता हूँ
उसके कदमों की आहट से मन प्रफुल्लित होने लगे उसके हाथों की छुअन से अंग अंग कंपन करने लगे ... उसके कदमों की आहट से मन प्रफुल्लित होने लगे उसके हाथों की छुअन से अंग अ...
ऐ ज़िंदगी तू क्या है, आ कुछ लफ़्ज़ों में बयां कर लू; ऐ ज़िंदगी तू क्या है, आ कुछ लफ़्ज़ों में बयां कर लू;