ख़त तुम्हें रोज़ लिखा करता हूँ
ख़त तुम्हें रोज़ लिखा करता हूँ
1 min
155
ख़त तुम्हें रोज़ लिखा करता हूँ
चाहत को हर लफ्ज़ में बयां करता हूँ
उम्मीद की गुलशन के खिलने की आस लेकर
मोहब्बत की दिल से पत्र पहुंचा करता हूँ