Dheeraj Kasturi
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मदहोश हवा बहती है सारी रात
चाँद से तारे करते हैं लम्बी बात
सुनेहरा स्वप्न देखती ये ख्यालात
सुंदर और सुनसान रहती है कायनात
जुगनू
हम तो छायावाद...
इंसानियत गुमन...
पश्चाताप
ज़िन्दगी की सफ...
अर्ज़ किया है
ख़त तुम्हें रो...
अर्ज़ करता हूँ...