Dheeraj Kasturi
Others
चलने कहीं दूर हम निकल पड़े
लाचार और मजबूर हम राह पे खड़े
दुनिया की माया में हम खुद से लड़े
दुआ और दीनता से बने इंसान बड़े
जुगनू
हम तो छायावाद...
इंसानियत गुमन...
पश्चाताप
ज़िन्दगी की सफ...
अर्ज़ किया है
ख़त तुम्हें रो...
अर्ज़ करता हूँ...