सुनो
सुनो
क्या कहूँ
तुम कुछ पूछती ही नहीं
बस
हँसती हो न जाने किस बात पर
सुनो
कुछ कहना चाहता हूँ
नज़रों से बयां करना चाहता हूँ
तुम्हारे करीब आकर
अपने जज्बातों के मिठास को
तुम्हारे सांसों में घोलना चाहता हूँ
दरिया के पानी में नहीं
तुम्हारे नीरव आँखों में डूबना
चाहता हूँ
तुम्हें बस एक बार
सिर्फ एक बार ही
अपने जज्बातों से छूना चाहता हूँ
तुम्हें अपने आलिंगन में भर के
खुद को महसूस करना चाहता हूँ