फटी जेब
फटी जेब
इस फटी जेब में
तेरे-मेरे अरमान रख दूँ
साँसों के फरमान रख दूँ
रख दूँ... दिल को
खुले लिफ़ाफ़े की तरह
बोलो तो इस बार तुझ पर
खुद को कुर्बान लिख दूँ
कुछ नहीं हैं... मेरे पास
इस फटी जेब में
गहरी नींद में देखा हुआ
एक हसीन ख्वाब लिख दूँ
लबों पर... लब्ज़ों का
मीठा एहसास लिख दूँ
मुस्कराहट के लिए तेरी
बस इक झलक लिख दूँ
दिल में तेरे लिए मचलती हुई
इक कसक लिख दूँ
कुछ नहीं हैं... मेरे पास
इस फटी जेब में
बस...
तेरे पायल की छनछन हैं
तेरे चूड़ी की खनखन हैं
लशकारा हैं नाक के लौंग का
तेरे बिंदिया की चमचम हैं
धक-धक हैं धड़कन की
बेचैनी तेरे सुकून-ए-चैन की
रफ्तार - सी ज़िंदगी की रैन हैं
कुछ नहीं हैं... मेरे पास
इस फटी जेब में