नैना कजरा ना लगावा दिनवा रात हो जाई नैना कजरा ना लगावा दिनवा रात हो जाई
एक सजीव, निर्दोष कली को सज़ा क्यों सज़ा क्यों ? एक सजीव, निर्दोष कली को सज़ा क्यों सज़ा क्यों ?
नथनी बन गुरूर तेरा बनता रहूँगा नथनी बन गुरूर तेरा बनता रहूँगा
ना ही कंठ में मंगल माला ना सिर पे ओढ़निया रे। ना ही कंठ में मंगल माला ना सिर पे ओढ़निया रे।
पर फौजी की पत्नी के लिए वो सड़क सुनसान है पर फौजी की पत्नी के लिए वो सड़क सुनसान है
तेरी याद आई तो फूल बन गए अपनी महक से ही तेरे पास आए! तेरी याद आई तो फूल बन गए अपनी महक से ही तेरे पास आए!