राम कृष्ण का भारत मेरा
राम कृष्ण का भारत मेरा
ना मांग में सिंदूर झलके
ना माथे पर बिंदिया रे
राम कृष्ण का भारत मेरा
बन गया सचमुच इंडिया रे।
ना हाथ में कंगन शोभे
ना पांवे पैंजनिया रे
राम कृष्ण का भारत मेरा
बन गया सचमुच इंडिया रे।
ना ही कंठ में मंगल माला
ना सिर पे ओढ़निया रे
राम कृष्ण का भारत मेरा
बन गया सचमुच इंडिया रे।
जनक सुता, सीता माता हैं
बनी आज चुलबुलिया रे
राम कृष्ण का भारत मेरा
बन गया सचमुच इंडिया रे।
बन गई "हिंदी" बुढ़िया माई
"अंग्रेजी" दुल्हिनया रे
राम कृष्ण का भारत मेरा
बन गया सचमुच इंडिया रे।
