स्वावलंबी, महत्वाकांक्षी, भावुक, सत्यप्रेमी और परसेवा परम धर्म.... और भी बहुत....
काहू तू हू ऐ धनि ईट खरकइबो दूवरे ही तबूंवा तनवइबो रे कज रे झरी जास. काहू तू हू ऐ धनि ईट खरकइबो दूवरे ही तबूंवा तनवइबो रे कज रे झरी जास.
मैंने ईर्ष्या किया जीभर के, ईर्ष्या, तेरी भावना को पल-पल हर बार महसूस किया मैंने खुद मैंने ईर्ष्या किया जीभर के, ईर्ष्या, तेरी भावना को पल-पल हर बार महसूस क...
मेरा परिवार कुछ अलग है जिसमें... माँ महागौरी है तो पिता महादेव जो हम बच्चों को प्राणों से भी ज्... मेरा परिवार कुछ अलग है जिसमें... माँ महागौरी है तो पिता महादेव जो हम बच्चों ...
तेरे बिंदिया की चमचम हैं धक-धक हैं धड़कन की बेचैनी तेरे सुकून-ए-चैन की रफ्तार - सी ज़िंदगी की रै... तेरे बिंदिया की चमचम हैं धक-धक हैं धड़कन की बेचैनी तेरे सुकून-ए-चैन की रफ्ता...
कभी-कभी रोना पड़ता है कभी-कभी हँसना पड़ता है मज़बूरी हैं हर शक्स को यहाँ पर तभी तो सब कुछ सहना पड... कभी-कभी रोना पड़ता है कभी-कभी हँसना पड़ता है मज़बूरी हैं हर शक्स को यहाँ पर त...
ज़िंदगी खेल नहीं तेरा-मेरा मेल नहीं, ये तो यूँ ही बनते हैं फिर रिश्ते जोड़ देती हैं, ज़िंदगी खेल नहीं तेरा-मेरा मेल नहीं, ये तो यूँ ही बनते हैं फिर रिश्ते ज...
बन बैठे सब काठ की रंग-बिरंगी कठपुतलियां। बन बैठे सब काठ की रंग-बिरंगी कठपुतलियां।
दिनाेंदिन सास कि कही बातें सुनना, उनपर अमल करना, यहीं ताे काम है बहू का... लेकिन सबकुछ करने के बावजू... दिनाेंदिन सास कि कही बातें सुनना, उनपर अमल करना, यहीं ताे काम है बहू का... लेकिन...
स्त्री को अपना अस्तित्व मिल जाता फिर खुली हवा में साँस ले हर सीता भी जी पाएगी। स्त्री को अपना अस्तित्व मिल जाता फिर खुली हवा में साँस ले हर सीता भी जी पाएग...
को अपना अस्तित्व मिल जाता फिर खुली हवा में साँस ले हर सीता भी जी पाएगी। को अपना अस्तित्व मिल जाता फिर खुली हवा में साँस ले हर सीता भी जी पाएगी।