कजरी
कजरी
सिकिया से बोरी - बोरी
काजर कइलो ....
पोछ दिहो मेहरी के रुमलिया
रे कज रे झरी जास...
काहू तू हू ऐ धनि
पोछलूं रुमलिया
तहरा ऊपर सवतिन ले अइबो
रे कज रे झरी जास...
काहू तू हू ऐ धनि
सवतिन ले अइब
सवतिन के झोटा झोटी अइबो
रे कज रे झरी जास...
काहू तू हू ऐ धनि
झोटा झोटी अइबो
कोठा ऊपर कोठरी बनवइबो
रे कज रे झरी जास...
काहू तू हू ऐ धनि
कोठरी बनवइबो
कोठरी के ईट खरकइबो
रे कज रे झरी जास...
काहू तू हू ऐ धनि
ईट खरकइबो
दूवरे ही तबूंवा तनवइबो
रे कज रे झरी जास...
काहू तू हू ए धनि
तबूंवा तनवइबो
तबूंवा के डोरी सरकवइबो
रे कज रे झरी जास...
काहू तू हू ए धनि
डोरी सरकवइबो
तरकूल ऊपर खोता लगवइबो
रे कज रे झरी जास..
काहू तू हू ए धनि
खोता लगवइबो
खोता में लूती धनकवइबो
रे कज रे झरी जास...
काहू तू हू ए धनि
लूती धनकवइबो
दूंनू परन उड जइबो
रे कज रे झरी जास...
रे कज रे झरी जास