गज़ल।
गज़ल।
अपने प्रभु के चरणों में मन को लगाये रखना।
और संसार से भी अखियाँ मिलाये रखना।।
किसी भी रंग का दाग दामन में लगने न पाये।
तू अपने दिल के दामन को बचाये रखना।।
ये इश्क का ग़म इस प्रभु की बड़ी देन है।
इस दौलत को जमाने से छिपाये रखना।।
तुझे क्या मालूम कब उसके हो जाये दीदार।
अपने दिल का दामन हमेशा बिछाये रखना।।
बड़ी ही कठिन है डगर उस प्रभु की।
अपनी नज़रें उनके कदमों में जमाये रखना।।
तेरे रास्ते में आयेंगी अनेकों रूकावटें।
अपने कोमल हृदय को रौशन बनाये रखना।।
वो हैं इतने रहम दिल कि तुझे माफ़ कर देगा ।
अपना सिर "नीरज " चरणों में झुकाये रखना ।।
