STORYMIRROR

Neeraj pal

Abstract

4  

Neeraj pal

Abstract

गज़ल।

गज़ल।

1 min
560

अपने प्रभु के चरणों में मन को लगाये रखना।

और संसार से भी अखियाँ मिलाये रखना।।


किसी भी रंग का दाग दामन में लगने न पाये।

तू अपने दिल के दामन को बचाये रखना।।


ये इश्क का ग़म इस प्रभु की बड़ी देन है।

इस दौलत को जमाने से छिपाये रखना।।


तुझे क्या मालूम कब उसके हो जाये दीदार।

अपने दिल का दामन हमेशा बिछाये रखना।।


बड़ी ही कठिन है डगर उस प्रभु की।

अपनी नज़रें उनके कदमों में जमाये रखना।।


तेरे रास्ते में आयेंगी अनेकों रूकावटें।

अपने कोमल हृदय को रौशन बनाये रखना।।


वो हैं इतने रहम दिल कि तुझे माफ़ कर देगा ।

अपना सिर "नीरज " चरणों में झुकाये रखना ।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract