चांद की सरगोशियां
चांद की सरगोशियां
चांद की सरगोशियां बताना चाहिए मुझे
जो तेरे साथ है वह कितना है प्यारा ,
मेरी चांदनी भी उसके सामने है फीकी
उसमें बसा नूर का खजाना है सारा।
देवी सी मधुर वाणी उसकी
नजर कैसे ना रुके किसी की?
तू जैसे कोयले को सुधारने आई है वह
बन के सूरज का सितारा,
उस में बसा नूर का खजाना है सारा।
जाने कभी मंजिले तेरी रुखसत ना हो,
तेरे साथ हर कदम पर खड़ी रहेगी वो,
अपने से जुदा कभी होने ना देना,
उस में बसता है सिर्फ, सिर्फ दिल तुम्हारा,
उसमें बसा नूर का खजाना है सारा।
नूर अगर पत्थर में हो तो कोहिनूर भी होता है,
जानकर आदमी उसके पीछे बर्बाद भी होता है,
चमक तो आखिर मेरी भी खत्म होती है,
जिंदगी के हर उतार-चढ़ाव में साथ देगी तुम्हारा,
उस में बसा नूर का खजाना है सारा।
मेरी एक फुसफुस आहट 15 दिन ही रहती है,
उजाले के बाद अमावस ही आती है,
बुरी सौगातों को भी शुभ मंगल कराए,
तेरे लिए हमेशा रुका है यह श्रद्धालु ध्रुव तारा,
उस में बसा नूर का खजाना है सारा।
अनजाने में भी मत करना कोई गलती,
तेरी खुशी में ही है वह फलती फूलती,
मेरा भी दिल आ रहा है उस मासूम मुखड़े पर,
अज्ञान के समुंदर में ज्ञान का व है किनारा,
उस में बसा नूर का खजाना है सारा।

