औरत
औरत
औरत नही खिलौना,
जब चाहे खेला,
जब चाहे खोला,
जब चाहे चखा,
जब चाहे देखा,
जब चाहे किया इस्तेमााल,
जब चाहे बंद कमरे मे लेे जाना,
जब चाहे हवस बनाना,
उसे उलटा कहनाा।
औरत नही खिलौना,
जब चाहे खेला,
जब चाहे खोला,
जब चाहे चखा,
जब चाहे देखा,
जब चाहे किया इस्तेमााल,
जब चाहे बंद कमरे मे लेे जाना,
जब चाहे हवस बनाना,
उसे उलटा कहनाा।