माँ का आँचल
माँ का आँचल
माँ का आँचल शीतल छाया।
बिन आँचल के कोई रह ना पाया।।
माँ के पग में है अमृत धार।
पार ना पाया ये संसार।।
चाहे हो कोई रिश्ता झूठा।
पर माँ तेरा प्यार है सच्चा।।
ये दुनिया है दुख की छाँव।
तेरी ममता शीतल छाँव।।
हमें जन्म देकर हे जननी।
कष्ट उठाये तूने बहुतेरे।।
पर हमें दुखों से रखा दूर।
हे माँ हम कर्जी हैं तेरे।।
जब भी जन्म मिले माँ मुझको।
तुम ही हो तब जननी मेरी।।
आँचल में तेरे सो जाऊँ।
आँख खुले तो तुम्हें ही पाऊँ।।
हे भगवन ये विनती सुन लो।
सब माओं के कष्टों को हर लो।।
दे दो सबको सुख अपार।
माँ की महिमा अगम अपार।।
