दिल का दर्द
दिल का दर्द
जमाने का दर्द आँखों से गुजर कर,
दिल में उतर गया।
हम देखते ही रह गये,
और दिल मचल गया।
मचलते दिल ने फरमाइश की,
मुझे सहारा चाहिये।
तभी थामा किसी ने हाथ,
ये दिल उसका हो गया।
उसने पहले तो की वफा
और कुछ मीठी मीठी सी बातें,
बड़ी हसीन लगती थी,
इस दिल को उसकी मुलाकातें।
जब एतबार में प्यार गहराया,
तभी जिंदगी के मोड़ में तूफान सा आया।
उसने किसी और के दर्द- ए- दिल को सहारा दिया,
तोड़ कर दिल की भावनायें उसके साथ गया।
इस बार दिल का दर्द पहले से भी ज्यादा था,
क्या करे बेचारा दिल, जाने क्या उसका इरादा था?
अगर पता होता दर्द कम नहीं होगा और बढ़ जायेगा,
उसे सहारा देने वाला ही सितम ढ़ायेगा।
कभी ये दिल किसी भी सहारे की इल्तजा नहीं करता,
दर्द सह लेता हंस के मोहब्बत में वफा नहीं करता।
