चाँद
चाँद
चाँद तुम हो बड़े खूबसूरत
आसमां पर राज है तुम्हारा
कितनी कविताओं और ग़ज़लों में
जिक्र होता रहा है तुम्हारा
तुम प्रेम की मिसाल का प्रतीक बन
लुभाते रहे हो कितने युगलों को
विरह की पीड़ा में सखा बन
सुनते हो उनके दिल का दर्द
बच्चों के चंदा मामा बन
कितनी खुशी देते हो उनको
नारी की श्रद्धा बन कर
देते हो सौभाग्य का वरदान उनको
यूं ही कविताओं में जिक्र होता रहे तुम्हारा
चांद में समाया रहे सदा सुंदरता का नज़ारा।