एक बूंद प्रेम
एक बूंद प्रेम
किसी को याद करने के लिए
एक बात ही काफी है
किसी पर मर मिटने के लिए
एक मुलाकात ही काफी है
यूँ तो सागर भी कभी प्यास नहीं बुझाता
और, प्यास बुझाने के लिए कभी
दो बूंद की बरसात ही काफी है
मीलों की दूरियाँ हैं अपनों के बीच में मगर
उन्हें महसूस करने के लिए
कभी उनके ख्यालात् ही काफी है
यूँ तो गम में ही बरसते है आंसू
पर न जाने क्यूं
आज रोने के लिए
खुशी के हालात ही काफी है।
