महात्मा गाँधी
महात्मा गाँधी
पोरबंदर में जन्में गाँधी जी
मैं जानती हूँ आपका जीवन सरल नहीं होगा
आपने सत्य के मोती अहिंसा का धागा लेकर
सद्भावना को पिरोया है
आप एक कल थे जो गुजर के भी चलायमान हैं
अब आप जैसा कल शायद कहीं नहीं होगा
आज मैं अहिंसा की बात करूँ तो
मुझ पर हँसते हैं लोग
सत्य की बात करूँ तो
बरसते हैं लोग
आज तो दुनिया में असत्य और हिंसा का
बोलाबाला है
प्रेम और भरोसे का दम घोट डाला है
जो भी हो मैं आपके नक्श -ए - कदमों पर चलूँगी
सत्य की डगर पे जलना पड़े तो जलूँगी
मैं जानती हूँ जहाँ सत्य है वहाँ जन निराश नहीं
जहाँ असत्य है वहाँ प्रभु आस नहीं।
