चांदनी रात में
चांदनी रात में
सुहानी चांदनी रात में तेरी,
मुलाकात मुज़से हो गई,
मेरी नज़र तुज़से मिली और,
प्यारकी ज्योत ज़ल गई।
कहां छूप गई थी सनम तु,
अचानक आज़ मुज़े मिल गई,
सुंदर सूरत देखकर तेरी मेरे,
मनमें बेचैनी सी छा गई।
तेरे मिलने से मेरे जीवन में,
सावन की घटा खिल गई,
मेरी नज़र तुज़से मिली और,
प्यार की ज्योत ज़ल गई।
अब न रहना दूर ज़ानेमन तु,
मिलन की प्यास मेरी बढ़ गई,
बांहो में मेरी आज़ा सनम तू,
प्यार की शहनाई बज़ गई।
तुजको देखकर "मुरली" तेरी,
तस्वीर मेरे दिल में बस गई,
मेरे नज़र तुझ से मिली और,
प्यार की ज्योत ज़ल गई।