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AMAN SINHA

Drama Tragedy Inspirational

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AMAN SINHA

Drama Tragedy Inspirational

एक दिन मुझ सा जी लो

एक दिन मुझ सा जी लो

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एक दिन मुझ सा जी लो

हाँ बस एक दिन मुझ सा जी लो 

जाग जाओ पाँच बजे तुम और बर्तन सारे धो लो 

पानी भरने के खातिर फिर सारे नल तुम खोलो 

कपड़े, पोंछा, झाड़ू करकट बस एक बार तो कर लो 

बस एक दिन मुझ सा जी लो  


   नाश्ते खाने की लिस्ट बनाओ 

   राशन, बाज़ार करके लाओ 

   सब्जी वाले से थोड़ा तुम मोल भाव तो कर लो 

   दूध वाले से धोबी से गैस वाले से नाई से 

   तू-तू मैं-मैं तो कर लो 

   बस एक दिन मुझ सा जी लो 


      घर का पूरा बोझ उठाओ 

      सबके मन का खाना पकाओ 

      सबका ध्यान रखो तुम फिर भी सबके ताने खाओ 

      है हिम्मत तो मुझ जैसा तुम सब्र तुम खुद में भर लो 

      बस एक दिन मुझ सा जी लो 


         रिश्तों को बांधे रखो 

         हर बंधन को साधे रखो 

         अपने आत्मसम्मान को किसी किनारे धर लो 

         चाहे जितना भी काम करो, बिलकुल ना आराम करो 

         पर अपनों की बातों में तुम अपना नाम ना लो 

         बस एक दिन मुझ सा जी लो 


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