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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Drama Inspirational

4.5  

DR ARUN KUMAR SHASTRI

Drama Inspirational

हे तात तुम्हें नमन

हे तात तुम्हें नमन

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जनक हो तुम परम पिता हो

मेरे अस्तित्व के सृजक हो 


आंधी अन्धड़ धूप दोपहरी

तुम ही तो हो छत हमारी


अन्नदाता पालन करता

शिक्षा संस्कृति अरु पोषण कर्ता


जनक हो तुम परमपिता हो

मेरे अस्तित्व के सृजक हो 


अणु अणु में व्याप्त तुम्ही हो

सूक्ष्म वृहद तम प्रकाश तुम्ही हो


सुख दुःख दुनिया जीव अधारा 

सकल जगत के हो संकट हारा


जनक हो तुम परमपिता हो

मेरे अस्तित्व के सृजक हो 


एक हो अनेक हो प्रत्यय समर्थ हो

सारे संसार के सामने उदाहरण विशेष हो


तुम हो तो हम हैं हे तात परम सत्य हो

सृजनकारी पूज्य बापूजी जी प्रतीक हो


जनक हो तुम परमपिता हो

मेरे अस्तित्व के सृजक हो 



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