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Sonal Bhatia Randhawa

Drama

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Sonal Bhatia Randhawa

Drama

औरत से औरत की फ़रियाद ...

औरत से औरत की फ़रियाद ...

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अरे कितनी मोटी हो गयी हो तुम 

ओह ये चेहरे पर कितने दाग हो गए 

तुम्हारी स्किन इतनी डल क्यूँ है

ओहो इतनी कम उम्र में बाल पाक गए 


कितनी ज़ोर से हंसती हो तुम

कुछ तो लोगों का लिहाज़ करो 

ये भी कोई तरीक़ा है बैठने का 

लड़की हो लड़की जैसी रहा करो 


ना हाथ में चूड़ी ना गले में हार 

ना बिंदी ना सिंदूर है ना बिछिया 

इतनी हल्की साड़ी क्यूँ है पहनी 

शादी शुदा कहा से लगोगी बिटिया 


कितने साल हो गए हैं शादी को 

मगर आयी नहीं कोई खुश खबरी 

घर कब बसाओगी आख़िर 

क्या परिवार ज़रूरी है या नौकरी 


कैसे बेहूदा कपड़े पहनती है देखो 

लड़के छेड़ेंगे नहीं तो पूजेंगे क्या 

अरे कैसी तेज चलती है ज़ुबान

ससुराल में जा के नाक कटाएगी क्या 


इतना ग़ुस्सा लड़की हो कर 

बिलकुल अच्छा नहीं लगता 

देखो ससुराल में जाकर तो 

बहुत कुछ है सहन करना पड़ता 


हर कदम औरत की औरत पर 

क्यूँ होती हैं ऐसी टिप्पणिया

खुल कर तुम नहीं जी पायी तो 

क्या डालोगी मेरे पाओं में भी बेड़ियाँ 


क्या ये बेहतर ना होगा 

जन्मों से बंधन जो थोपे गए तुम पर 

तोड़ कर तुम भी चल पड़ो 

साथ साथ मेरे, रख हाथ मेरे कांधो पर !


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