कृष्ण जन्माष्टमी
कृष्ण जन्माष्टमी
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मुरली मनोहर कृष्ण हमारे,
जिसकी लीला अनोखी है प्यारी।
बांसुरी बजाते श्याम नंदलाल,
भक्तों का मन मोह लेते हैं सदा।
गोपियों के संग रास रचाते,
हर एक वन में खुशियां बाटते।
मुरली की मधुर धुन में खो जाते,
सबको अपनी मोहित करते हैं सदा।
मोहन श्याम कृष्ण हमारे,
जिसकी कृपा से संसार है सुहाना।
उनकी लीला का अमृत पान करते,
हम सब जीवन को सुखी बनाते हैं सदा।
हर पल मन में उनका होता है,
प्यार और भक्ति से हम उनको मानते हैं सदा।
मुरली मनोहर कृष्ण हमारे,
हमेशा उनके चरणों में शरण लेते हैं सदा।