भारतेंदु हरिश्चंद्र
भारतेंदु हरिश्चंद्र
पाँच वर्ष आयु से लेखन नवजागरण के क्रांतिकारी
भारतेंदु हरिश्चंद्र मेरे प्रिय लेखक
षट् भाषाओं के ज्ञाता
संस्कृति समाज देशहित चिंतक
अपने पत्र-पत्रिकाओं द्वारा
विद्वानों, नव लेखकों को दिया प्रोत्साहन
आधुनिक हिंदी और नाटक के जन्मदाता ने
किया सभी विधाओं में किया स्वतंत्र लेखन
हास्य व्यंग, कहावतों आदि प्रभावपूर्ण भाषा में
सभी विषयों पर लेखनी चलाई
उचित प्रवक्ता, कवि, रंगकर्मी, पत्रकार थे वे
उनके लेखकों की मंडली भी भारतेंदु मंडली कहलाई
अल्पायु में बनारसी हरिश्चन्द्र बाबू ने अद्भुत कार्य कर दिया
कि उनका युग भारतेंदु युग बन गया।