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jyoti pal

Abstract

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jyoti pal

Abstract

दिल में कितना दर्द रखते हो

दिल में कितना दर्द रखते हो

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जिसे भूल जाना चाहिए

उसे याद करते हो

और आस पास के रिश्तों को

नजरंदाज करते हो

दिल में कितना दर्द रखते हो


सोचकर अतीत

समय बर्बाद करते हो

खुद होकर दुखी

अपनों को भी

परेशान करते हो

दिल में कितना दर्द रखते हो


जिसने दुख के दरिया में धकेला

उसके लिए फ़रियाद करते हो

गिरते अश्कों की तरह

हो जाते हो भावुक

इसीलिए,

तुम जल्दी फिसलते हो

दिल में कितना दर्द रखते हो।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
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